पर प्रविष्ट किया सितम्बर 24 2014
भारत आज एक ऐतिहासिक खबर से जागा। इसका कम लागत वाला मंगल मिशन मंगलयान 666 महीने से अधिक समय तक 414 मिलियन किमी (10 मील) की दूरी तय करने के बाद मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भारतीय समयानुसार आज सुबह 8 बजे मंगलयान के लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश की गर्व से घोषणा की गई।
भारत ने वह हासिल कर लिया है जो दुनिया के कुछ ही देश हासिल कर पाए हैं - अमेरिका, रूस और एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी। नासा के अंतरिक्ष यान मावेन की तुलना में इसरो को यह जबरदस्त सफलता महज 75 मिलियन डॉलर की लागत पर मिली, जिसकी लागत 671 मिलियन डॉलर थी। जहां भारत पहले ही प्रयास में इसे सफलतापूर्वक खींचने में कामयाब रहा, वहीं वर्ष 2011 में चीन सहित कई देश अपने मंगल मिशन में विफल रहे हैं।
छवि क्रेडिट: इसरो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अनुसंधान अंतरिक्ष संगठन (इसरो) की उपलब्धि पर तुरंत बयान दिया। उन्होंने कहा, "आज इतिहास बन गया है," और "हमने अज्ञात तक पहुंचने का साहस किया है और लगभग असंभव को हासिल किया है।"
अंतरिक्ष यान मंगलयान लाल ग्रह के वायुमंडल का अध्ययन करेगा और उसमें मीथेन की उपस्थिति का स्कैन करेगा। हालांकि यह मंगल ग्रह पर नहीं उतरेगा, लेकिन आने वाले दिनों में इससे बहुमूल्य जानकारी मिलने की संभावना है।
भारतीय मिशन के मंगल की कक्षा में प्रवेश की खबर ऐसे समय में आई है जब पीएम मोदी अपने अमेरिकी दौरे पर जाने वाले हैं। अब संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में उनके पास बात करने के लिए और भी बहुत कुछ है।
टैग:
भारत का मंगल मिशन
इसरो
मंगलयान
Share
इसे अपने मोबाइल पर प्राप्त करें
समाचार अलर्ट प्राप्त करें
Y-अक्ष से संपर्क करें