पर प्रविष्ट किया मई 09 2018
यूएससीआईएस ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 74 और 1 में एच-2016बी वीजा में 2017% से अधिक भारतीय थे। 74.2 में अमेरिका द्वारा पेश किए गए सभी एच-1बी वीजा में से 2016% भारत के तकनीकी पेशेवरों को मिले। आंकड़े बढ़ गए 75.6 में 2017% तक, यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है।
एच-9बी वीजा प्राप्त करने के मामले में चीन 1% से कुछ अधिक के साथ दूसरे स्थान पर है। द हिंदू के हवाले से चीन के आंकड़े 9.3 में 2016% और 9.4 में 2017% थे। दूसरी ओर, वित्तीय वर्ष 4 में प्रारंभिक रोजगार के लिए भारतीय लाभार्थियों की संख्या में 2017% की गिरावट आई है।
वहीं, वित्तीय वर्ष 12.5 में निरंतर रोजगार के लिए अनुमति प्राप्त भारत के लाभार्थियों की संख्या में 2017% की वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों का खुलासा यूएससीआईएस ने 'एच-1बी स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन वर्कर्स - कैरेक्टरिस्टिक्स' शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में किया है।
यूएससीआईएस ने प्रारंभिक रोजगार के लिए याचिकाओं पर विस्तार से बताया। ये किसी नियोक्ता के पास एच-1बी रोजगार के लिए पहली बार दाखिल किए गए आवेदन हैं। उनमें से कुछ ही वार्षिक सीमा में शामिल हैं। इस प्रकार की याचिकाओं के उदाहरणों में गैर-लाभकारी या सरकारी अनुसंधान संगठनों द्वारा प्रस्तुत की गई याचिकाएं शामिल हैं।
इस बीच, निरंतर रोजगार का तात्पर्य एच-1बी वीजा के लिए दायर विस्तार से है। इसमें समवर्ती और अनुक्रमिक रोजगार भी शामिल हैं जो अमेरिका में पहले से ही विदेशी नागरिकों के लिए दायर किए जाते हैं।
एक्सटेंशन आम तौर पर एच-1बी पेशेवरों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं जो शुरुआती 3 साल की अवधि से आगे अधिकतम 6 साल तक काम करने का इरादा रखते हैं। यह अमेरिकी कानूनों के तहत उपलब्ध अधिकतम विस्तार है।
वर्ष 2016 में अमेरिका में H-256B वीजा वाले कुल 226 भारतीय कामगार थे और वर्ष 1 में यह आंकड़ा 2017 था।
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