पर प्रविष्ट किया सितम्बर 03 2016
वीज़ा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के प्रयास में, भारत सरकार विभिन्न वीज़ा श्रेणियों और उप-श्रेणियों के लिए अलग-अलग कोड पेश करने और अधिक देशों को आगमन पर वीज़ा सुविधा प्रदान करने की तैयारी कर रही है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कथित तौर पर कहा कि ई-टूरिस्ट वीजा का नाम बदलकर ई-वीजा किया जा सकता है और इसकी प्रत्येक उप-श्रेणी जैसे ई-मेडिकल वीजा, ई-टूरिस्ट वीजा और ई-बिजनेस वीजा के लिए विशिष्ट कोड दिए जाएंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा कि अमेरिका द्वारा अपनाई गई प्रणाली के समान वीजा संहिताकरण के पीछे का विचार यह सुनिश्चित करना है कि विदेशियों के लिए आव्रजन निर्बाध हो। अधिकारी ने कहा कि भारत वर्तमान में रोजगार, व्यवसाय, पर्यटक, राजनयिक, छात्र, अनुसंधान, जीवनसाथी और सम्मेलन वीजा जैसी 24 श्रेणियों के वीजा की पेशकश कर रहा है। इसका उद्देश्य आव्रजन अधिकारी को वीजा में उल्लिखित कोड को देखकर ही यात्रा के कारण के बारे में पर्याप्त जानकारी एकत्र करने की सुविधा प्रदान करना था।
अधिकारी ने कहा, इससे आव्रजन जांच के तहत विदेशी आगंतुकों से पूछताछ करते समय आव्रजन अधिकारियों के लिए विवेक की गुंजाइश कम हो जाएगी।
सरलीकृत वीज़ा व्यवस्था पर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है और इस संबंध में जल्द ही एक कैबिनेट नोट पारित होने की उम्मीद है। वीज़ा मानदंडों में एक महत्वपूर्ण संशोधन आगमन पर वीज़ा सुविधा का विस्तार है, जो अब केवल जापानी नागरिकों को दी जा रही है।
अधिकारी ने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि 150 देशों तक विस्तारित ई-वीजा सुविधा के विपरीत, आगमन पर वीजा केवल कुछ गैर-जोखिम वाले देशों के नागरिकों को ही दिया जाएगा।
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