पर प्रविष्ट किया अप्रैल 27 2018
भारतीय छात्र आगे बढ़ रहे हैं प्रवासी विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर्स के लिए - यूरोपीय संघ और अमेरिका में एआई। वर्तमान समय में AI उन्नत अनुप्रयोग ढूंढ रहा है। इसका उद्देश्य ऐसी मशीनें बनाना है जो इंसानों की तरह प्रतिक्रिया करें और काम करें।
इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से बताया गया है कि 2017 में एआई मास्टर्स के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के आवेदनों की संख्या दोगुनी या तीन गुना बढ़ गई है। इसका खुलासा जॉर्जिया विश्वविद्यालय, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय, रेडबौड विश्वविद्यालय, कैटेलोनिया के पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय, केयू ल्यूवेन और कार्नेगी मेलन जैसे विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने किया है।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार एआई उद्योग में प्रतिभाओं की कमी है और इसलिए विशेषज्ञों की मांग अधिक है। एआई मास्टर्स के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में 30% की वृद्धि हुई है। इसकी तुलना एमबीए में मास्टर्स से की जाती है। 20-30% से अधिक छात्र अब विदेशी विश्वविद्यालयों में एआई पीजी पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर रहे हैं।
उद्योग विशेषज्ञों ने इस उभरती प्रवृत्ति के कारण भी बताए हैं। उन्होंने कहा है कि पेशेवर इस बात से अवगत हो रहे हैं कि रोजगार के योग्य बनने के लिए उन्हें एक विशिष्ट क्षेत्र से काम करना होगा। यह AI है जो कार्रवाई का गवाह बन रहा है।
एआई मास्टर्स डेटा को समझने में सहायता करता है। यह आंकड़ों को व्यावसायिक निर्णयों से जोड़ता है। भविष्य में इन कौशलों की मांग बढ़ेगी। एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में भारत से एआई मास्टर्स छात्रों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। चालू वर्ष में इस विश्वविद्यालय में सभी एआई मास्टर्स छात्रों का योग 279 है।
ब्रिटेन में शेफील्ड विश्वविद्यालय के एआई मास्टर्स कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 55% की वृद्धि देखी गई है। पिछले वर्ष की तुलना में बेल्जियम केयू ल्यूवेन में 44% की वृद्धि हुई थी।
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