अगर ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग के सुझावों पर अमल किया गया तो विदेश में जन्मे डॉक्टरों को अब वर्क वीजा जारी नहीं किया जाएगा। इस कदम से भारतीय डॉक्टरों सहित अन्य लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा है कि ऑस्ट्रेलियाई चिकित्सा समुदाय के वरिष्ठों ने संघीय सरकार से विदेशों में प्रशिक्षित डॉक्टरों को वीजा देना बंद करने का आग्रह किया था क्योंकि वर्तमान प्रवासन कार्यक्रम आंतरिक ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सा कौशल की कमी को संबोधित नहीं कर रहा था। कहा जाता है कि इसी चिंता को व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आव्रजन नियमों में संशोधन के लिए एक आधिकारिक प्रस्तुतिकरण दिया है। समाचार एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि विभाग ने कहा था कि अगर आव्रजन नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित डॉक्टरों को नौकरी पाना मुश्किल होगा। विभाग ने कथित तौर पर कुशल व्यवसायों की सूची से 41 स्वास्थ्य भूमिकाओं को हटाने का सुझाव दिया है। इनमें रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, जनरल प्रैक्टिशनर, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट समेत अन्य शामिल हैं। वीजा पर अंकुश लगाने के प्रस्तावों को ऑस्ट्रेलियन मेडिकल एसोसिएशन और रूरल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने समर्थन दिया है। आव्रजन विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि मार्च 2,155 के अंत में ऑस्ट्रेलिया में 1,562 सामान्य चिकित्सक और 2016 निवासी चिकित्सा अधिकारी कार्य वीजा पर कार्यरत थे।