चेन्नई: ब्रिटिश उप उच्चायोग के एक शीर्ष अधिकारी ने आज यहां कहा कि भारत से यूनाइटेड किंगडम के लिए बिजनेस वीजा में पिछले एक साल में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्रिटिश उप उच्चायोग के उप उच्चायुक्त भरत जोशी ने कहा, "भारत से यूनाइटेड किंगडम के लिए बिजनेस वीजा में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।" उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी अक्टूबर 2013-सितंबर 2014 की अवधि के लिए है। इसी अवधि में छात्रों सहित अन्य श्रेणी के वीज़ा में "सामान्य गिरावट" हुई। उन्होंने कहा, "वीज़ा चाहने वाले नब्बे प्रतिशत आवेदनों को मंजूरी दे दी जाती है और बाकी को आवश्यक दस्तावेजों की कमी सहित विभिन्न कारणों से मंजूरी नहीं दी जाती है।" उन्होंने कहा कि वीजा मांगने में धोखाधड़ी करना केवल एक "छोटा प्रतिशत" है और ऐसे व्यक्तियों को ब्रिटेन जाने पर 10 साल का प्रतिबंध लगता है। भारत-ब्रिटेन व्यापार पर उन्होंने कहा कि ''दोनों दिशाओं में'' वस्तुओं और सेवाओं सहित व्यापार 15.6 अरब पाउंड का था और उम्मीद जताई कि नए साल से अब जो देखा जा रहा है उससे ऊपर ''अच्छी वृद्धि'' होगी। उन्होंने कहा, ''मैं संयुक्त उद्यमों का प्रशंसक हूं और साझेदारियां हमेशा टिकाऊ होती हैं।'' उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा में भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। "तमिलनाडु और गुजरात राज्यों में नई ऊर्जा के मामले में बड़ी संभावनाएं हैं।" जोशी ने घोषणा की कि ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी लाइका मेडिकल डायग्नोस्टिक सेवाओं में उतरेगी और अगले साल जून तक यहां अपना केंद्र खोलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों के लिए यूके स्थित विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली शैक्षिक छात्रवृत्ति 1.5-2014 के दौरान 15 मिलियन पाउंड से बढ़कर 1-2013 के दौरान 14 मिलियन पाउंड हो गई है। उन्होंने कहा, छात्रवृत्तियां उन लोगों के लिए हैं जो यूनाइटेड किंगडम में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने की इच्छा रखते हैं। http://articles.इकोनॉमिकटाइम्स.इंडियाटाइम्स.com/2014-12-17/news/57154823_1_business-visas-india-uk-trade-भारत-जोशी